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झूठी खाई थी क़सम जो निभाई नई

झूठी खाई थी क़सम जो निभाई नई

झूठी खाई थी क़सम जो निभाई नई

काटी रात मैंने खेतों में तू आई नई

काटी रात मैंने खेतों में तू आई नई

काटी रात मैंने खेतों में तू आई नई

ले के आया भी मैं घर से रजाई नई

ले के आया भी मैं घर से रजाई नई

नहीं आई आई आई आई तू तो आई नई

हो नहीं आई आई आई आई तू तो आई नई

हो काटी रात मैंने खेतों में तू आई नई

निकल रही थी मैं तो सज के संवर के

टोका मेरी अम्मा ने आँखें बड़ी कर के

हो बोली मुझे क्यों री कहां चली कलमुई

खेतों में कुंवारी छोरी जाती नहीं यूंही

ऐसे लड़के जो खेतों में बुलाते हैं

हाँ ऐसे लड़के जो खेतों में बुलाते हैं

बेटी बनते कभी भी वो जमाई नई

काटी रात मैंने खेतों में तू आई नई

हो काटी रात मैंने खेतों में तू आई नई

जान इ दीवाना पलके बिछाना

आता हे तुझे बस करना बहाना

सुन के दुहाई आई रे कयामत

फिर भी हुआ न कभी तेरा आना

हो ढल जाए रे जवानी इंतज़ार में

हो ढल जाए रे जवानी इंतज़ार में

तेरे चक्कर में दूसरी पटाई नई

काटी रात मैंने खेतों में तू आई नई

हो काटी रात मैंने खेतों में तू आई नई

हो आई आई आई आई तू तो आई नई

हो काटी रात मैंने खेतों में तू आई नई

ओह उई माँ उई माँ उई माँ

ओह उई माँ उई माँ उई माँ

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