मोहब्बत को भरे बाजार में रुसवा किया तू ने
ऐ सौदागर मेरे दिल के, ये क्या सौदा किया तू ने
मोहब्बत को भरे बाजार में रुसवा किया तू ने
ऐ सौदागर मेरे दिल के, ये क्या सौदा किया तू ने
ये कैसी तेरी खुद-ग़र्जी, सुनी ना दिल की इक अर्जी
मेरे आंसू ना देखे तू, तेरी मर्जी, तेरी मर्जी
तेरी मर्जी, तेरी मर्जी
ये कैसी तेरी खुद-घरजी
तेरी मर्जी, तेरी मर्जी
ये कैसी तेरी खुद-घरजी
ये कैसी तेरी खुद-घरजी
मैं साह-सह हरि-हरि (हरि-हरि)
मैं रुलदी आन मारी-मारी (मारी-मारी)
मैं साह-सह हरि-हरि (हरि-हरि)
मैं रुलदी मारी-मारी आन
मैं साह-सह हरि-हरि (हरि-हरि)
मैं रुलदी आन मारी-मारी (मारी-मारी)
मैं साह-सह हरि-हरि (हरि-हरि)
मैं रुलदी मारी-मारी आन
दिया जो जख्म भी तू ने, हारा है वो, सिला ही नहीं
मोहब्बत, जा, तुझे छोड़ा, मुझे तुझ से गिला ही नहीं
मुझे बस डर जाना है, तेरे दिल से, निगाहों से
गुज़ारना ही नहीं मुझ को तेरी गलियों से, राहों से
तेरी मंजिल भी झूठी है, तेरे सब ख्वाब हैं खोटे
तेरी राहें फ़रेबी हैं, तेरे रास्ते सभी फ़र्ज़ी
तेरी मर्जी, तेरी मर्जी
तेरी मर्जी, तेरी मर्जी
सुनी ना दिल की इक अर्जी
ये कैसी तेरी खुद-घरजी
मैं टक-टक हरि-हरि
मैं तेरे उत्तों वारी-वारी
मैं टक-टक हरि-हरि
मैं तेरे उत्तों वारी-वारी आन
मैं साह-सह हरि-हरि (हरि-हरि)
मैं रुलदी आन मारी-मारी (मारी-मारी)
मैं साह-सह हरि-हरि (हरि-हरि)
मैं रुलदी मारी-मारी आन
तेरी चौखट पे रक्खा था जला कर दिल, बुझा तो नहीं
तेरे दामन से लिपटा था मेरा आंसू, गिरा तो नहीं
तेरा साया मेरे आगे, मेरी आवाज़ पीछे है
तेरा दिल कोई पत्थर है, मेरी जान इसके नीचे है
मेरी सांसें मुझे दे दे, खुदा-रा मुझे जीने दे
मेरी फरियाद सुन ले तू, कभी सुन ले मेरी अर्जी
तेरी मर्जी, तेरी मर्जी
तेरी मर्जी, तेरी मर्जी
ये कैसी तेरी खुद-ग़र्जी
मेरे हमदर्द, बे-दर्दी
मैं साह-सह हरि-हरि
मैं रुलदी आन मारी-मारी
मैं साह-सह हरि-हरि
मैं रुलदी मारी-मारी आन
मैं साह-सह हरि-हरि
मैं रुलदी आन मारी-मारी
मैं साह-सह हरि-हरि
मैं रुलदी मारी-मारी आन