किए रतन
निछावर
माई री
मैंने मोती किए हैं दान
प्राण दिए जो पिया मिले तो
अभी तजूँ मैं प्राण
अभी तजूँ मैं प्राण
ओsss घर आया मेरा मिर्ज़ा
घर आया मेरा मिर्ज़ा
घर आया मेरा मिर्ज़ा
घर आया रे
घर आया मेरा मिर्ज़ा
घर आया मेरा मिर्ज़ा
घर आया मेरा मिर्ज़ा
घर आया रे
ओ सब लाया मेरा मिर्ज़ा
घर आया मेरा मिर्ज़ा
घर आया मेरा मिर्ज़ा
घर आया रे
कितनी मुरादें मांगी
तब पाया मेरा मिर्ज़ा
मन भाया मेरा मिर्ज़ा
घर आया रे
मन भाया मेरा मिर्ज़ा
घर आया मेरा मिर्ज़ा
घर आया मेरा मिर्ज़ा
घर आया रे
घर आया मेरा मिर्ज़ा
घर आया मेरा मिर्ज़ा
घर आया मेरा मिर्ज़ा
घर आया रे
कितनी मुरादें मांगी
तब पाया मेरा मिर्ज़ा
घर आया मेरा मिर्ज़ा आ
मेरी जान तू मेरी सांस तू
मेरे दिल की है आवाज तू
जो छुपाऊं मैं है वो राज तू
मेरा कलमा तू है नमाज तू
है दुआओं सा मेरे पास तू
मेरी जान तू मेरी सांस तू
जहां बंट रही थी नियामतें
उसी जादुई से बाजार में
कोई मोतियों पे निसार था
कोई चाँद का ख़रीददार था
मैं फ़ना हुई तेरी याद में
बड़े शौक से से मेरे भाग में
घर आया…
ये पानी-पानी पलकें
मुस्काने दर-दर बाँटे
सदियों की जागी आँखें
नींदों को चादर बाँटें
डर क्या है दोपहरों में
जब साया मेरा मिर्ज़ा
घर आया मेरा मिर्ज़ा...
मेरा मिर्ज़ा.........
मेरा मिर्ज़ा.........
घर आया मेरा मिर्ज़ा
घर आया मेरा मिर्ज़ा...