जब निकलनी घर से बहरिया,
चाहे सबे लडवाल नजरिया ,
सबे छुवल चाहे हमरो गोर गाल रे,
गोर गाल रे..अरे गोर गाल रे..
गोरी तोर चुनरी बा लाल लाल रे …
गोरी तोर चुनरी बा लाल लाल रे,
रोड पे चलेलु कमाल चाल रे,
गोरी तोर चुनरी बा लाल लाल रे,
रोड पे चलेलु कमाल चाल रे ..
(गोरी तोर चुनरी बा लाल लाल रे,
रोड पे चलेलु कमल चाल रे ..)
जवने कॉलेजवा में करेलू पढाई..
लईका लईका में होला लड़ाई,
होला लड़ाई..होला लड़ाई..
लागे पढ़ ही में हो जाई उच्च खाल रे ,
उच्च खाल रे ..अरे.. उच्च खाल रे…
लईका चिल्ला लसन माल माल रे …
लईका चिल्ला लसन माल माल रे,
रोड पे चलेलु कमाल चाल रे,
गोरी तोर चुनरी बा लाल लाल रे,
रोड पे चलेलु कमाल चाल रे ..
(गोरी तोर चुनरी बा लाल लाल रे,
रोड पे चलेलु कमल चाल रे ..)
सुन्दर रतन बाडू तोहरो न जोड़ बा,
कहे विशाल दुबे माल त बेजोड़ बा ,
माल त बेजोड़ बा ..माल त बेजोड़ बा..
अरे चढ़ल जवानी पर साल रे,
पर साल रे…अरे ..पर साल रे..
पुछस रितेश रोज़ हाल चाल रे..
पुछस आशीष रोज़ हाल चाल रे,
रोड पे चलेलु कमाल चाल रे,
गोरी तोर चुनरी बा लाल लाल रे,
रोड पे चलेलु कमाल चाल रे ..
(गोरी तोर चुनरी बा लाल लाल रे,
रोड पे चलेलु कमल चाल रे ..)