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Saim Bhatthuatong
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आज फ़िर से तेरे नज़दीक आया हूँ

आज फ़िर से तेरे नज़दीक आया हूँ

हाँ, बड़ी क़िस्मत से इस लम्हे को पाया हूँ

आज फ़िर से तेरे नज़दीक आया हूँ

हाँ, बड़ी क़िस्मत से इस लम्हे को पाया हूँ

तुझे देख देख के फिर से जीने लगा मैं

अब दिल को क्या समझाऊँ कि मैं तेरा गुज़रा कल हूँ

इक पल यही, तेरा मेरा

इक पल यही, तेरा मेरा

इक पल यही, तेरा मेरा

इक पल यही, तेरा मेरा

(इसे जीना चाहता हूँ मैं)

फ़िर वही अल्फ़ाज़ तुझ से कहना चाहता हूँ

रात भर बातें तेरी मैं सुनना चाहता हूँ

तेरे साथ साथ रहूँ मैं, बस यही सदा है

पर ज़िंदगी में तेरी मैं सिर्फ़ मेहमाँ हूँ

इक पल यही, तेरा मेरा

इक पल यही, तेरा मेरा

इक पल यही, तेरा मेरा

इक पल यही, तेरा मेरा

(इसे जीना चाहता हूँ मैं)

लफ़्ज़ मेरे छुपने लगे जो तू सामने है खड़ा

दिल ढूँढता है फ़िर वही, प्यार जो था कभी दरमियाँ

इक आस है दिल को के तू रोक ले

और कह दे ये मुझ को; मेरे संग जीना है

ख़ैर हो सके तो मुझ को कभी ना भूलना तू

इक पल यही, तेरा मेरा

इक पल यही, तेरा मेरा

इक पल यही, तेरा मेरा

इक पल यही, तेरा मेरा

तुझे देख देख के फ़िर से जीने लगा मैं

अब दिल को क्या समझाऊँ कि मैं तेरा गुज़रा कल हूँ

इक पल यही, तेरा मेरा

इक पल यही, तेरा मेरा

इक पल यही, तेरा मेरा

इक पल यही, तेरा मेरा

(इसे जीना चाहता हूँ मैं)

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