भला किसी का कर ना सको तो,
बुरा किसी का ना करना ।
पुष्प नहीं बन सकते तो तुम,
कांटे बन कर मत रहना ॥
भला किसी का कर ना सको तो,
बुरा किसी का ना करना ।
पुष्प नहीं बन सकते तो तुम,
कांटे बन कर मत रहना ॥
बन ना सको भगवान् अगर,
कम से कम इंसान बनो ।
नहीं कभी शैतान बनो,
नहीं कभी हैवान बनो ॥
बन ना सको भगवान् अगर
कम से कम इंसान बनो ।
नहीं कभी शैतान बनो,
नहीं कभी हैवान बनो ॥
सदाचार अपना न सको तो,
पापों में पग ना धरना ।
पुष्प नहीं बन सकते तो तुम,
कांटे बन कर मत रहना ॥
भला किसी का कर ना सको तो,
बुरा किसी का ना करना ।
पुष्प नहीं बन सकते तो तुम,
कांटे बन कर मत रहना ॥
सत्य वचन ना बोल सको तो,
झूठ कभी भी मत बोलो ।
मौन रहो तो ही अच्छा,
कम से कम विष ना घोलो ॥
सत्य वचन ना बोल सको तो,
झूठ कभी भी मत बोलो ।
मौन रहो तो ही अच्छा,
कम से कम विष ना घोलो ॥
बोलो यदि पहले तुम तोलो,
फिर मुंह को खोला करना ।
पुष्प नहीं बन सकते तो तुम,
कांटे बन कर मत रहना ॥
भला किसी का कर ना सको तो,
बुरा किसी का ना करना ।
पुष्प नहीं बन सकते तो तुम,
कांटे बन कर मत रहना ॥
घर ना किसी का बसा सको तो,
झोपड़ियां ना जला देना ।
मरहम पट्टी कर ना सको तो,
खार नमक ना लगा देना ॥
घर ना किसी का बसा सको तो,
झोपड़ियां ना जला देना ।
मरहम पट्टी कर ना सको तो,
खार नमक ना लगा देना ॥
दीपक बन कर जल ना सको तो,
अंधियारा ना फैला देना ।
पुष्प नहीं बन सकते तो तुम,
कांटे बन कर मत रहना ॥
भला किसी का कर ना सको तो,
बुरा किसी का ना करना ।
पुष्प नहीं बन सकते तो तुम
कांटे बन कर मत रहना ॥
अमृत पिला ना सके किसी को,
ज़हर पिलाते भी डरना
धीरज बंधा नहीं सको तो
घाव किसी के मत करना ॥
अमृत पिला ना सके किसी को,
ज़हर पिलाते भी डरना
धीरज बंधा नहीं सको तो
घाव किसी के मत करना ॥
राम नाम की माला ले क,
र सुबह श्याम भजन करना ।
पुष्प नहीं बन सकते तो तुम,
कांटे बन कर मत रहना ॥
भला किसी का कर ना सको तो,
बुरा किसी का ना करना ।
पुष्प नहीं बन सकते तो तुम,
कांटे बन कर मत रहना ॥