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Aadat (Cover)

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Testi
ना जाने कब से

उमीदें कुछ बाक़ी हैं

मुझे फिर भी तेरी याद क्यो आती है

ना जाने कब से

दूर जितना भी तुम मुझ से पास तेरे में

अब तू आदत सी है मुझको ऐसा जीना में

ज़िंदगी से कोइ शिकवा ही नहीं है

अब तू ज़िंदा हों में इस नीले आसमान में

चाहत ऐसी है यॅ तेरी बढ़ती जाए

आहत ऐसी है यॅ तेरी मुझको सताए

यादें गहरीन है इतनी दिल डूब जाए

और आँखों में यॅ घुमम नूं बन जाए

अब तू आदत सी है मुझको ऐसा जीना में