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धरती धोरा री ###

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संगीत ....................

आ धरती गोरा धोरां री

आ धरती मीठा बोरां री

ई धरती रो रुतबो ऊँचो

आ बात केवे कूंचो कूंचो

आं फोगां में निपज्या हीरा, आं बांठा में नाची मीरा !

पन्ना री जमाण आ सागण, आ ही प्रताप री माँ भागण !

दादू रैदास कथी वाणी, पीथळ रै पाण रयो पाणी !

जोहर री जागी आग अठै, रळ मिलग्या राग विराग अठै !

तलवार उगी रण खेतां में, इतिहास मंडयोड़ा रेता में !

बो सत रो सीरी आडावळ, बा पत री साख भरे चम्बळ !

चुण्डावत मांगी सैनाणी, सिर काट दे दियो क्षत्राणी !

ई कूख जलमिया भामासा, राणा री पूरी मन आसा !

धरती धोरा री 3

धरती धोरा री 3

आ तो सुरगा ने सरमावे,

ईं पर देव रमण ने आवे,

ईं रो जस नर नारी गावे,

धरती धोरा री3

धरती धोरा री 3

आ तो सुरगा ने सरमावे,

ई पर देव रमण ने आवे,

ई रो जस नर नारी गावे,

धरती धोरा री 3

संगीत ..........................

सूरज कण कण नै चमकावै,2

चन्दो इमरत रस बरसावै,

तारा निछरावळ कर ज्यावै,2

काळा बादळिया घहरावै,

बिरखा घूघरिया घमकावै,

बिजळी डरती ओला खावै,

धरती धोरा री 3

आ तो सुरगा ने सरमावे,

ई पर देव रमण ने आवे,

ई रो जस नर नारी गावे,

धरती धोरा री 3

संगीत......................

ईं री चितौड़ो गढ़ लूंठो,2

ओ तो रण वीरां रा खूंटो,

ईं रो जोधाणूं नौ कूंटो,

धरती धोरां री !2

आबू आभै रै परवाणैं,

लूणी गंगाजी ही जाणै,

ऊभो जयसलमेर सिंवाणै,

धरती धोरां री 3

आ तो सुरगा ने सरमावे,

ई पर देव रमण ने आवे,

ई रो जस नर नारी गावे,

धरती धोरा री 3

संगीत ......................

ईं पर तनड़ो मनड़ो वारां,2

ईं पर जीवण प्राण उंवारां,

ईं री धजा उड़ै गिगनारां,

मायड़ कोड़ां री !2

ईं नै मोत्यां थाळ बधावां,

ईं री धूळ लिलाड़ लगावां,

ई रो मोटो भाग सरावां,

धरती धोरां री 3

आ तो सुरगा ने सरमावे,

ई पर देव रमण ने आवे,

ई रो जस नर नारी गावे,

धरती धोरा री 3

धरती धोरा री

धरती धोरा री

धरती धोरा री

धरती धोरा री

धरती धोरा री

धरती धोरा री

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