बरसात के मौसम में तुम मेरे पास आना
कहनी थी जो भी बात, आ के कानों में कह जाना
बरसात के मौसम में तुम मेरे पास आना
कहनी थी जो भी बात, आ के कानों में कह जाना
कितना करते हैं प्यार तुमसे, तुमको है बताना
'गर होंठों से बयाँ ना हो, आँखों से समझ जाना
आग़ोश में भर के दूर ना जाना
मुझे ज़िंदगी का हर एक लम्हा ऐसा चाहिए
प्यार-भरी हो बारिश और तेरा साथ चाहिए
मुझे ज़िंदगी का हर एक लम्हा ऐसा चाहिए
प्यार-भरी हो बारिश और तेरा साथ चाहिए
दिल ने दुआएँ माँगीं हैं
तुझे ही माँगा है, तेरी वफ़ाएँ माँगीं हैं
तेरी क़सम, मेरे हमदम
मैंने भी सातों जनम तेरा ही साथ माँगा है
वादा ये करके तोड़ ना जाना
मुझे ज़िंदगी का हर एक लम्हा ऐसा चाहिए
प्यार-भरी हो बारिश और तेरा साथ चाहिए
मुझे ज़िंदगी का हर एक लम्हा ऐसा चाहिए
प्यार-भरी हो बारिश और तेरा साथ चाहिए
तू ही दुआ है, तू ही रज़ा है, तू ही है जन्नत मेरी
सजदे में रब से जिसे रोज़ माँगूँ, तू ही है वो मन्नत मेरी
तू इश्क़ है, तू मेरी इबादत है, तुझको ही अपना माना
उस रब से पहले मेरे लबों पे तेरा नाम है, जान-ए-जानाँ
आग़ोश में भर के दूर ना जाना
मुझे ज़िंदगी का हर एक लम्हा ऐसा चाहिए
प्यार-भरी हो बारिश और तेरा साथ चाहिए
मुझे ज़िंदगी का हर एक लम्हा ऐसा चाहिए
प्यार-भरी हो बारिश और तेरा साथ चाहिए