दिल ने इबादत की है, तेरी बस चाहत की है
लिख आया अर्ज़ियों में, तुझ बिन जीना नहीं है
दिल ने इबादत की है, तेरी बस चाहत की है
लिख आया अर्ज़ियों में, तुझ बिन जीना नहीं है
मुझ में अब मैं कहाँ हूँ, तुझ में रहने लगा हूँ
मैं तो बस जी रहा हूँ बिन मेरे
तुझे ख्वाब में दिखना चाहूँ, तेरी साँस में खोना चाहूँ
तेरे दिल के इन ज़ख्मों पे मरहम मैं होना चाहूँ
तेरा ही बस होना चाहूँ, तेरे दर्द में होना चाहूँ
तेरे दिल के इन ज़ख्मों पे मरहम मैं होना चाहूँ
कि हूँ जहाँ से बेख़बर, मैं क्या ही बन गया हूँ अब?
जो दिल से बात हो अगर, तेरा ही नाम ले
कि इस क़दर की बेबसी है आज तक हुई नहीं
जो दिल से बात हो अगर, तेरा ही नाम ले
कर ले क़ुबूल खुदाया, मेरे सजदे
अब तो नसीब में मेरे उसे लिख दे, हो
कर ले क़ुबूल खुदाया, मेरे सजदे
अब तो नसीब में मेरे उसे लिख दे
तू फिर ना सोया होगा
शायद फिर रोया होगा
तू फिर ना सोया होगा, शायद फिर रोया होगा
आँसू मेरी पलकों पे यूँ ही ना आया होगा
दे ना मुझ को आवाज़ें, या सुन मेरी फ़रियादें
घेरे हैं मुझ को यादें बिन तेरे
तुझे ही बस पाना चाहूँ, खुद को मैं खोना चाहूँ
तेरे दिल के इन ज़ख्मों पे मरहम मैं होना चाहूँ
तेरा ही बस होना चाहूँ, तेरे दर्द में होना चाहूँ
तेरे दिल के इन ज़ख्मों पे मरहम मैं होना चाहूँ
कि हूँ जहाँ से बेख़बर, मैं क्या ही बन गया हूँ अब?
जो दिल से बात हो अगर, तेरा ही नाम ले
कि इस क़दर की बेबसी है आज तक हुई नहीं
जो दिल से बात हो अगर, तेरा ही नाम ले
खुदा को दिख रहा होगा
ना दिल तुझ से जुदा होगा
तेरी तक़दीर में मुझ को
वो अब तो लिख रहा होगा