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Aisi Hoti Hai Maa

Kavita Sethhuatong
mimi33brhuatong
歌詞
収録
अपनी बाहु में मुझको समेटे हुए

अपनी बाहु में मुझको समेटे हुए

तन से आचल की सूरत लपेटे हुए

गीले बिस्तर पे सरदी में लेटे हुए

गीले बिस्तर पे सरदी में लेटे हुए

सुबह होने पे कुछ देर सोती है मा ऐसी होती है मा

ऐसी होती है मा

ऐसी होती है मा

ऐसी होती है मा

ऐसी होती है मा

आसमानों से परियां बुलाती है वो

थबकियादे के लोरी सुनाती है वो

चंदा मामा का चेहरा दिखाती है वो

फूल मम्ता के यूँ भी पिरोती है मा

ऐसी होती है मा

ऐसी होती है मा

ऐसी होती है मा

ऐसी होती है मा

ऐसी होती है मा

गम का एहसास भी तुझको होने न दू

तुझको अशकों की माला पिरोने न दू

दुख के मौसम में भी तुझको रोने न दू

तेरा हर आसु सच्चा मोती है मा

ऐसी होती है मा

ऐसी होती है मा

ऐसी होती है मा

ऐसी होती है मा

ऐसी होती है मा

ऐसी होती है मा

ऐसी होती है मा

ऐसी होती है मा

ऐसी होती है मा

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