तेरे लिए हम हैं जियें
होठों को सीये
तेरे लिए हम हैं जियें
हर आँसू पिये
दिल में मगर, जलते रहे
चाहत के दीये
तेरे लिए, तेरे लिए
तेरे लिए हम हैं जियें
हर आँसू पिये
तेरे लिए हम हैं जियें
होठों को सीये
दिल में मगर, जलते रहे
चाहत के दीये
तेरे लिए, तेरे लिए
आं.. आं..
ज़िंदगी, लेके आई है
बीते दिनों की किताब
ज़िंदगी, लेके आई है
बीते दिनों की किताब
घेरे हैं अब हमें
यादें बे-हिसाब
बिन पूछे, मिले मुझे
कितने सारे जवाब
चाहा था क्या, पाया है क्या
हमने देखिए
दिल में मगर, जलते रहे
चाहत के दीये
तेरे लिए, तेरे लिए
क्या कहूँ, दुनिया ने किया
मुझसे कैसा बैर
क्या कहूँ, दुनिया ने किया
मुझसे कैसा बैर
हुकुम था, मैं जियूं
लेकिन तेरे बगैर
नादां हैं वो, कहते हैं जो
मेरे लिए तुम हो गैर
कितने सितम, हमपे सनम
लोगों ने किए
दिल में मगर, जलते रहे
चाहत के दीये
तेरे लिए, तेरे लिए
तेरे लिए, हम हैं जियें
होठों को सीयें
तेरे लिए, हम हैं जियें
हर आँसू पिये
दिल में मगर, जलते रहे
चाहत के दीये तेरे लिए, तेरे लिए
तेरे लिए, तेरे लिए
तेरे लिए, तेरे लिए