गीतकार: अज़ीज़ कैसी
आज फिर तुम पे प्यार आया है
आज फिर तुम पे प्यार आया है
बेहद और बेहिसाब आया है
आज फिर तुम पे प्यार आया है
आज फिर तुम पे प्यार आया है
बेहद और बेहिसाब आया है
आज फिर तुम पे प्यार आया है
आज फिर तुम पे प्यार आया है
बेहद और बेहिसाब आया है...
सामने तुम हो या है खवाब कोई
खुस्नासीबी पे अपनी हैरान हू
तुम दयावान देवता हो मेरे
तुमको पूजू के तुम से प्यार करू..
तुमको पूजू के तुम से प्यार करू..
मैने किस्मत से तुमको पाया है
आज फिर तुम पे प्यार आया है
बेहद और बेहिसाब आया है
इस भरे शहर मै अकेला था..
इस भरे शहर मै अकेला था..
गम था मै ज़िन्दगी के मेले मै
तुम मिले तो पता मिला अपना
चांद उतर आया मेरे सीने मै
तुमको पाया तो खुदको पाया है
आज फिर तुम पे प्यार आया है
बेहद और बेहिसाब आया है
मेरी हर सांस मे समाये रहो
येही है रात दिन दुवा मेरी..
येही है रात दिन दुवा मेरी..
हर ख़ुशी तुम से, ज़िन्दगी तुम से..
हर ख़ुशी तुम से, ज़िन्दगी तुम से..
तुम ही उम्मीद तुम ही वफ़ा मेरी
मैने सुब कुछ तुम ही से पाया है
आज फिर तुम पे प्यार आया है
बेहद और बेहिसाब आया है
आज फिर तुम पे प्यार आया है..
आज फिर तुम पे प्यार आया है..
बेहद और बेहिसाब आया है
आज फिर तुम पे प्यार आया है
बेहद और बेहिसाब आया है