menu-iconlogo
huatong
huatong
avatar

Sandese Aate Hai

Sonu Nigam/Roopkumar Rathodhuatong
sntptrc2huatong
歌詞
レコーディング
हो हो हो

हो हो हो हो

हो हो हो

हो हो हो हो

संदेशे आते हैं

हमें तड़पाते हैं

तो चिट्ठी आती है

वो पूछे जाती है

के घर कब आओगे

के घर कब आओगे

लिखो कब आओगे

के तुम बिन ये घर सूना सूना है

संदेशे आते हैं

हमें तड़पाते हैं

तो चिट्ठी आती है

वो पूछे जाती है

के घर कब आओगे

के घर कब आओगे

लिखो कब आओगे

के तुम बिन ये घर सूना सूना है

किसी दिलवाली ने

किसी मतवाली ने

हमें खत लिखा है

ये हमसे पूछा है

किसी की साँसों ने

किसी की धड़कन ने

किसी की चूड़ी ने

किसी के कंगन ने

किसी के कजरे ने

किसी के गजरे ने

महकती सुबहों ने

मचलती शामों ने

अकेली रातों में

अधूरी बातों ने

तरसती बाहों ने

और पूछा है तरसी निगाहों ने

के घर कब आओगे

के घर कब आओगे

लिखो कब आओगे

के तुम बिन ये दिल सूना सूना है

संदेशे आते हैं

हमें तड़पाते हैं

तो चिट्ठी आती है

वो पूछे जाती है

के घर कब आओगे

के घर कब आओगे

लिखो कब आओगे

के तुम बिन ये घर सूना सूना है

मोहब्बत वालों ने

हमारे यारों ने

हमें ये लिखा है

कि हमसे पूछा है

हमारे गाँवों ने

आम की छांवों ने

पुराने पीपल ने

बरसते बादल ने

खेत खलियानों ने

हरे मैदानों ने

बसंती बेलों ने

झूमती बेलों ने

लचकते झूलों ने

दहकते फूलों ने

चटकती कलियों ने

और पूछा है गाँव की गलियों ने

के घर कब आओगे

के घर कब आओगे

लिखो कब आओगे

के तुम बिन गाँव सूना सूना है

कभी एक ममता की

प्यार की गंगा की

जो चिट्ठी आती है

साथ वो लाती है

मेरे दिन बचपन के

खेल वो आंगन के

वो साया आंचल का

वो टीका काजल का

वो लोरी रातों में

वो नरमी हाथों में

वो चाहत आँखों में

वो चिंता बातों में

बिगड़ना ऊपर से

मोहब्बत अंदर से

करे वो देवी माँ

यही हर खत में पूछे मेरी माँ

के घर कब आओगे

के घर कब आओगे

लिखो कब आओगे

के तुम बिन आँगन सूना सूना है

के घर कब आओगे

ऐ गुजरने वाली हवा बता

मेरा इतना काम करेगी क्या

मेरे गाँव जा

मेरे दोस्तों को सलाम दे

मेरे गाँव में है जो वो गली

जहाँ रेहती है मेरी दिलरुबा

उसे मेरे प्यार का जाम दे

उसे मेरे प्यार का जाम दे

वहीं थोड़ी दूर है घर मेरा

मेरे घर में है मेरी बूढ़ी माँ

मेरी माँ के पैरों को छू के तू

उसे उसके बेटे का नाम दे

ऐ गुजरने वाली हवा ज़रा

मेरे दोस्तों

मेरी दिलरुबा

मेरी माँ को मेरा पयाम दे

उन्हें जा के तू ये पयाम दे

मैं वापस आऊंगा

मैं वापस आऊंगा

घर अपने गाँव में

उसी की छांव में

कि माँ के आँचल से

गाँव की पीपल से

किसी के काजल से

किया जो वादा था वो निभाऊंगा

(मैं एक दिन आऊँगा)

(मैं एक दिन आऊँगा)

(मैं एक दिन आऊँगा)

(मैं एक दिन आऊँगा)

(मैं एक दिन आऊँगा)

Sonu Nigam/Roopkumar Rathodの他の作品

総て見るlogo

あなたにおすすめ