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Khawab Dikhati Hai

Soumya Mukherjeehuatong
robt.mallettehuatong
歌詞
収録
तू हवा मैं ज़मीन

तू जहाँ मैं वहीँ

क्यों कभी मुझे लेके बरसती नहीं

ज़रा सी सांवरी है वो

ज़रा सी बावरी है वो

वो सुरमें की तरह मेरी

आंखों में ही रहती है

सुबह के ख्वाब से उड़ाई है

पलकों के नीचे छुपाई है

मानो ना मानो तुम

सोते सोते ख्वाबों में भी ख्वाब दिखाती है

मानो ना मानो तुम

परी है वो परी की कहानियाँ सुनाती है खुदाया खैर खुदाया खैर

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