पीया पीया मोसे पीया
मोरा पीया मोरा पीया, मोरा पीया
मोरा पीया मानत नाहीं, मोरा पीया
मोरा पीया
मोरा पिया मोसे बोलत नाही
मोरा पिया मोसे बोलत नाही
दवार जिया के
दवार जिया के खोलत नाही
मोरा पिया मोसे बोलत नाही
मोरा पिया मोसे बोलत नाही
दर्पण देखू रूप निहारु
ओ दर्पण देखू रूप निहारु
और सोलाह श्रिंगार करू
फेर नजरिया बैठा बैरी
कैसे अंखिया चार करू
कोई जतन अब
कोई जतन अब काम ना आवे
उसे कचु सोहत नाही
मोरा पिया मोसे बोलत नाही
मोरा पिया मोसे बोलत नाही
हमरी इक मुस्कान पे वो तो
हा हमरी इक मुस्कान पे वो तो
अपनी जान लुटाता था
जग बिसरा के आंठो पहरिया
मोरे ही गुण गाता था
भा गयी का
भा गयी का कोई सौतन उके
मोरा कचु भावत नाही
मोरा पिया मोह से बोलत नाही
मोरा पिया मोह से बोलत नाही
दवार जिया के
हो दवार जिया के खोलत नाही
मोरा पिया मोसे बोलत नाही
मोरा पिया मोसे बोलत नाही
मोरा पिया मोसे बोलत नाही
मोरा पिया मोसे बोलत नाही