menu-iconlogo
logo

Humdum - Acoustic

logo
가사
(हममम...)

मेरी जाँ, तू किताबों सी है

मेरे सारे जवाबों सी है

कोई पूछे जो "कैसी है तू?"

कि मैं कह दूँ "गुलाबों सी है"

कि तू कमरे में महके मेरे

कि तू छू ले मुझे इस क़दर

कि तू बैठे सिरहाने कभी

कि ये ख़्वाहिश भी ख़्वाबों सी है

तू दिल की नमाज़ों में देखेगी

कि हर एक दुआ भी तो तेरी है

तू हँस के अगर माँग लेगी जो

कि ले-ले ये जाँ भी तो तेरी है

कि कैसा नशा भी ये तेरा है?

कि कैसी बीमारी ये मेरी है?

कि लिखने में हो गए हैं माहिर हम बारे में तेरे

ओ, मेरे हमदम-हमदम

थोड़ा-थोड़ा तो ग़म हमको दे-दे ना

मरहम-मरहम मिल जाए हमें हाथों से तेरे

आजा ना कि कह दें तुझसे 'गर हम, "तेरा होना है"

मौसम-मौसम रह जाओगी बाँहों में मेरे?