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Iss Qadar Pyar Hai

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가사
इस क़दर प्यार है तुमसे, ऐ हमसफ़र

चाँदनी नर्म सी रात के होंठ पर

तेरी नादानियाँ, मेरी गुस्ताख़ियाँ

मिली तो यूँ जुड़ी कि भीगे रात-भर

इस क़दर प्यार है तुमसे, ऐ हमसफ़र

दिल में हैं बेताबियाँ, नींद उड़ने लगी

तेरे ख़यालों से ही आँख जुड़ने लगी

अब तो ये बाँहें, झुकती निगाहें

है बस इन्हीं की फ़िकर

तेरी अंगड़ाइयाँ, मेरी ख़ामोशियाँ

मिली तो यूँ जुड़ी कि भीगे रात-भर

इस क़दर प्यार है तुमसे, ऐ हमसफ़र

मेरी थी जो ख़ामियाँ, तुझसे पूरी हुई

बाक़ी हुए बेवजह, तू ज़रूरी हुई

अब ये फ़साना, मेरी जान-ए-जानाँ

बस चलता रहे उम्र-भर

तेरी मदहोशियाँ, मेरी तन्हाइयाँ

मिली तो यूँ जुड़ी कि भीगे रात-भर