तारों की रौशनी तुम
सूरज की किरणे भी तुम
ख़ुशी की मुस्कान
दर्द की पहचान
जीने की आरज़ू तुम
फूलों में खुशबू हो तुम
भवरों की गुंजन भी तुम
इन साँसों का राज़ हो तुम
हर एक पल का एहसास हो तुम
इस दिल की धड़कन हो तुम
फिर भी ढूँढें क्यूँ
हर पल तुझे चारों और (हर पल तुझे)
हर तरफ जब तू ही तू दिखे
रातों की चाँदनी तुम (रातों की चाँदनी तुम)
दिन का उजाला भी तुम (दिन का उजाला भी तुम)
सागर की लहरें हो तुम
आसमान की आज़ादी हो तुम
समय का हर लम्हा तुम वो ओ ओ ओ
फिर भी ढूँढें क्यूँ
हर पल तुझे चारों और (हर पल तुझे)
हर तरफ जब तू ही तू दिखे
फिर मंदिरों में, मस्जिदों में
आसमान की सरहदों पे
क्यूँ ढूँढें हम तुझे
नफरतों के अंगारों में
जंग के इन मैदानों में
क्यूँ ढूँढें तुझे
फिर भी ढूँढें क्यूँ
हर पल तुझे