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Lakh Khushian Patshahian

Bhai Joginder Singh Riarhuatong
Tej🅿️Singh_17huatong
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लख खुसीआ पातिसाहीआ

जे सतिगुर नदरि करे

लख खुसीआ पातिसाहीआ

जे सतिगुर नदरि करे

निमख एक हरि नाम देइ

मेरा मन तन सीतल होए ॥

जिस कउ पूरबि लिखिआ

तिनि सतिगुर चरन गहे

लख खुसीआ पातिसाहीआ

जे सतिगुर नदरि करे

सभे थोक परापते जे आवै इक हथि ॥

जनम पदारथ सफल है

जे सचा सबद कथि ॥

गुर ते महल परापते

जिस लिखिआ होवै मथि

लख खुसीआ पातिसाहीआ

जे सतिगुर नदरि करे

लख खुसीआ पातिसाहीआ

जे सतिगुर नदरि करे

मेरे मन एकस सिउ चित लाइ

एकस सिउ चितु लाइ

एकस बिनु सभ धंध है

सभ मिथिआ मोह माइ

लख खुसीआ पातिसाहीआ

जे सतिगुर नदरि करे

लख खुसीआ पातिसाहीआ

जे सतिगुर नदरि करे

सफल मूरत सफला घड़ी जित

सचे नालि पिआर ॥

दूख संताप न लगई जिस

हरि का नाम अधार ॥

बाह पकड़ि गुरि काढिआ

सोई उतरिआ पारि

लख खुसीआ पातिसाहीआ

जे सतिगुर नदरि करे

लख खुसीआ पातिसाहीआ

जे सतिगुर नदरि करे

थान सुहावा पवित है

जिथै संत सभा ॥

ढोई तिस ही नो मिलै

जिनि पूरा गुरू लभा ॥

नानक बधा घर तहाँ जिथै

मिरत न जनम जरा

लख खुसीआ पातिसाहीआ

जे सतिगुर नदरि करे

लख खुसीआ पातिसाहीआ

जे सतिगुर नदरि करे.x.3Times

Dhan Guru Nanak Sahib Ji

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