कुछ दिल ने कहा..... कुछ भी नहीं..... कुछ दिल ने सुना..... कुछ भी नहीं..... ऐसे भी बातें, होती हैं ऐसे भी बातें होती हैं कुछ दिल ने कहा..... कुछ भी नहीं..... गायिका : लता मंगेशकर फ़िल्म : अनुपमा (1966) लेता है दिल अंगड़ाइयाँ इस दिल को, समझाये कोई अरमाँ ना आँखें खोल दें रुसवा ना हो जाये कोई पलकों की, ठंडी सेज पर सपनों की परियाँ सोती हैं ऐसे भी बातें, होती हैं ऐसे भी बातें होती हैं कुछ दिल ने कहा..... कुछ भी नहीं..... गीतकार : कैफ़ी आज़मी संगीतकार : हेमंत कुमार दिल की तस्सली के लिये झूठी चमक, झूठा निखार जीवन तो सूना ही रहा सब समझें, आयी है बहार कलियों से, कोई पूछता हंसती हैं वो या रोती हैं ऐसे भी बातें, होती हैं ऐसे भी बातें होती हैं कुछ दिल ने कहा..... कुछ भी नहीं..... कुछ दिल ने सुना..... कुछ भी नहीं.....
कुछ दिल ने कहा..... कुछ भी नहीं..... कुछ दिल ने सुना..... कुछ भी नहीं..... ऐसे भी बातें, होती हैं ऐसे भी बातें होती हैं कुछ दिल ने कहा..... कुछ भी नहीं..... गायिका : लता मंगेशकर फ़िल्म : अनुपमा (1966) लेता है दिल अंगड़ाइयाँ इस दिल को, समझाये कोई अरमाँ ना आँखें खोल दें रुसवा ना हो जाये कोई पलकों की, ठंडी सेज पर सपनों की परियाँ सोती हैं ऐसे भी बातें, होती हैं ऐसे भी बातें होती हैं कुछ दिल ने कहा..... कुछ भी नहीं..... गीतकार : कैफ़ी आज़मी संगीतकार : हेमंत कुमार दिल की तस्सली के लिये झूठी चमक, झूठा निखार जीवन तो सूना ही रहा सब समझें, आयी है बहार कलियों से, कोई पूछता हंसती हैं वो या रोती हैं ऐसे भी बातें, होती हैं ऐसे भी बातें होती हैं कुछ दिल ने कहा..... कुछ भी नहीं..... कुछ दिल ने सुना..... कुछ भी नहीं.....
कुछ दिल ने कहा..... कुछ भी नहीं..... कुछ दिल ने सुना..... कुछ भी नहीं..... ऐसे भी बातें, होती हैं ऐसे भी बातें होती हैं कुछ दिल ने कहा..... कुछ भी नहीं..... गायिका : लता मंगेशकर फ़िल्म : अनुपमा (1966) लेता है दिल अंगड़ाइयाँ इस दिल को, समझाये कोई अरमाँ ना आँखें खोल दें रुसवा ना हो जाये कोई पलकों की, ठंडी सेज पर सपनों की परियाँ सोती हैं ऐसे भी बातें, होती हैं ऐसे भी बातें होती हैं कुछ दिल ने कहा..... कुछ भी नहीं..... गीतकार : कैफ़ी आज़मी संगीतकार : हेमंत कुमार दिल की तस्सली के लिये झूठी चमक, झूठा निखार जीवन तो सूना ही रहा सब समझें, आयी है बहार कलियों से, कोई पूछता हंसती हैं वो या रोती हैं ऐसे भी बातें, होती हैं ऐसे भी बातें होती हैं कुछ दिल ने कहा..... कुछ भी नहीं..... कुछ दिल ने सुना..... कुछ भी नहीं.....
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