हाँ मैं गुमसुम हूँ इन राहों की तरह तेरे ख्वाबों में तेरी ख्वाहिशों में छुपा ना जाने क्यों है रोज़ का सिलसिला तू रूह की है दास्तान तेरे ज़ुल्फ़ों की ये नमी तेरी आँखों का ये नशा यहाँ खो भी जाऊँ तो मैं क्या कसूर है मेरा
हाँ मैं गुमसुम हूँ इन राहों की तरह तेरे ख्वाबों में तेरी ख्वाहिशों में छुपा ना जाने क्यों है रोज़ का सिलसिला तू रूह की है दास्तान तेरे ज़ुल्फ़ों की ये नमी तेरी आँखों का ये नशा यहाँ खो भी जाऊँ तो मैं क्या कसूर है मेरा
हाँ मैं गुमसुम हूँ इन राहों की तरह तेरे ख्वाबों में तेरी ख्वाहिशों में छुपा ना जाने क्यों है रोज़ का सिलसिला तू रूह की है दास्तान तेरे ज़ुल्फ़ों की ये नमी तेरी आँखों का ये नशा यहाँ खो भी जाऊँ तो मैं क्या कसूर है मेरा
हाँ मैं गुमसुम हूँ इन राहों की तरह तेरे ख्वाबों में तेरी ख्वाहिशों में छुपा ना जाने क्यों है रोज़ का सिलसिला तू रूह की है दास्तान तेरे ज़ुल्फ़ों की ये नमी तेरी आँखों का ये नशा यहाँ खो भी जाऊँ तो मैं क्या कसूर है मेरा