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Sonay Do

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가사
बादलों से मैं उपर

बारीशों को छूता हूँ

नीली धूप देखी किरणे

हाथों में रखता हू

मुझे उड़ते ही जाना है (मुझे उड़ते ही जाना है)

ये मंज़र क्या सुहाना है

आँख लगी तो दुनिया बदली

हो सोने दो

आँख लगी तो दुनिया बदली

हो सोने दो

पनियों के नीचे मैं

मोतियों से कहता हू

मछलियों की बातें मैं

सीपियों से सुनता हू

कई मौजो को आना है

कई मौजो को आना है

ये मंज़र क्या सुहाना है

आँख लगी तो दुनिया बदली

हो सोने दो

आँख लगी तो दुनिया बदली

हो सोने दो

ना जागु रहूँगा यहीं

मिला क्या मुझे कहूँगा कभी

एक सपने में गुम मैं हू

कभी आँख लगी तो दुनिया बदली

हो सोने दो

आँख लगी तो दुनिया बदली

हो सोने दो

आँख लगी तो दुनिया बदली

हो सोने दो

आँख लगी तो दुनिया बदली

हो सोने दो