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इन हसीनो में पर्दे की रसम

बाकी रहे बाकी रहे

इन हसीनो में पर्दे की रसम

बाकी रहे बाकी रहे

बंडो की क्या काफिरो की कसम

बाकी रहे बाकी रहे

इन हसीनो में पर्दे की रसम

बाकी रहे बाकी रहे

गली गुच्छे में लड़खड़ते कदम

बड़े बदनाम होते है

नशे में झूमने वालो को

मैखने में सलाम होते है

ओ कुच्छ इस तरह जो अपने के

दरमिया बेनकाब हो

ओ कुच्छ इस तरह जो अपने के

दरमिया बेनकाब हो

तो गरूर ए ज़िन्नाटे

आँखो में शरम

बाकी रहे बाकी रहे

तो गरूर ए ज़िन्नाटे

आँखो में शरम

बाकी रहे बाकी रहे

चाँद सितारो की कद्र

जैसे रातो में होती है

हीरे की कद्र जैसे ज़ोहरी के

हाथो में होती है

चेहरा लिए हाथो में

दीदार ए हुस्न जन्नत कर ले

चेहरा लिए हाथो में

दीदार ए हुस्न जन्नत कर ले

आशिक़ो में यह तमन्ना

यह निज़म बाकी रहे बाकी रहे

आशिक़ो में यह तमन्ना

यह निज़म बाकी रहे बाकी रहे

आए हसीना गर हुस्न की

नुमाइश ना हो तो फरमाइश हो जाए

दीदार ए हुस्न का जो हक़्क़ ना मिले

तो गुज़ारिश हो जाए

फाक़र हो जाए उस इनायत पर

लब से मशाल्लाह निकले

फाक़र हो जाए उस इनायत पर

लब से मशाल्लाह निकले

नज़रे सजदा करे और

ाईतेराम बाकी रहे बाकी रहे

नज़रे सजदा करे और

ाईतेराम बाकी रहे बाकी रहे

इन हसीनो में पर्दे की रसम

बाकी रहे बाकी रहे

बंडो की क्या काफिरो की कसम

बाकी रहे बाकी रहे

इन हसीनो में पर्दे की रसम

बाकी रहे बाकी रहे

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