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Bikhra Ke Zulfen Chaman Mein

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가사
बिखरा के ज़ुल्फ़ें चमन में न जाना

क्यों इस लिये

कि शर्मा न जायें फूलों के साये

मुहब्बत के नग़मे तुम भी न गाना

क्यों इस लिये

कि भँवरा तुम्हारी हँसी न उड़ाये

बिखरा के ज़ुल्फ़ें चमन में न जाना

क्यों इस लिये

कि शर्मा न जायें फूलों के साये

मुहब्बत के भँवरे की पहचान क्या

ये कलियों से पूछो हमें क्या पता

मुहब्बत के भँवरे की पहचान क्या

ये कलियों से पूछो हमें क्या पता

हर्जाई होगा

हम तो नहीं हैं

कहीं सीख लेना न तुम ये अदा

ज़ुबाँ पर कभी बात ऐसी न लाना

क्यों इस लिये

कि दुनियाँ से रस्म-ए-वफ़ा मिट न जाये

मुहब्बत के नग़मे तुम भी न गाना

क्यों इस लिये

कि भँवरा तुम्हारी हँसी न उड़ाये

कहो साथ दोगे कहाँ तक मेरा

वहाँ तक जहाँ आसमाँ झुक रहा

कहो साथ दोगे कहाँ तक मेरा

वहाँ तक जहाँ आसमाँ झुक रहा

बोलो चलोगी

जो तुम ले चलोगे

कहीं राह में हो न जाना जुदा

मेरा प्यार देखेगा सारा ज़माना

क्यों इस लिये

कि वादे किये और कर के निभाये

बिखरा के ज़ुल्फ़ें चमन में न जाना

क्यों इस लिये

कि शर्मा न जायें फूलों