menu-iconlogo
huatong
huatong
avatar

Nazdeekiyaan

Nikhil Paul Georgehuatong
happybay4huatong
가사
기록
रातों के जागे सुबह मिले हैं

रेशम के धागे यह सिलसिले हैं

लाजमी सी लगने लगी है

दो दिलों की अब नजदीकियाँ

हम्म दिखती नहीं पर हो रही है नजदीकियाँ

दो दिल ही जाने लगती हैं कितनी महफूज नजदीकियाँ

जरिया हैं ये आँखें जरिया

छलकता है जिनसे एक अरमानों का दरिया

आदतें हैं इनकी पुरानी

अनकही सी कह दें कहानी

परछाईयाँ दो जुड़ने लगी हैं

देखो हवा में उड़ने लगी हैं

पंख जैसी लगने लगी हैं

दो दिलों की अब नजदीकियाँ

Nikhil Paul George의 다른 작품

모두 보기logo

추천 내용