साँझे से नाच देखे गइला बारात में
भइल बाड़ हेहर आपन मेहर छोड़ी रात में
हाँ... हाऽ......
साँझे से नाच देखे गइला बारात में
भइल बाड़ हेहर आपन मेहर छोड़ी रात में
ओनिए कऽ देलऽ भोरहरिया हो!
भोरहरिया हो।...
का दुनि देख के, तू अइलऽ का कइलऽ
मीठा मीठा बथे कमरिया हो..
का दुनि देख के, तू अइलऽ का कइला
मीठा मीठा बथे कमरिया हो।
बाड़ न होश में, मातल तू जोश में
लागे न देब उघाई ऐ राजाजी
मुआइये देबा का
की काम जाहुआइये देब का।
की काम जाहुआइये देब का।
बाड़ न होश में, मातल तू जोश में
लागे न देब उघाई ऐ राजाजी
मुआइये देबा का
की तू काम जाहुआइये देबा का
जनती त खोलती ना केवडिया हो।
केवडिया हो।
का दुनि देख के, तू आइला का कइला
मीठा मीठा बथे कमरिया हो।...
का दुनि देख के, तू आइला का कइला
मीठा मीठा बथे कमरिया हो।...
कमरिया हो।
कमरिया हो।
कमरिया हो।
रोजे आयाज में, अंतर मिजाज में
धइला ना दम तनी कासा
ऐ पवन कवन नशा चढ़ल बा।
की काहे तोहार मन बढ़ल बा।
की काहे तोहार मन बढ़ल बा।
रोजे आयाज में, अंतर मिजाज में
धइला ना दम तनी कासा
ऐ पवन कवन नशा चढ़ल बा।
की काहे तोहार मनवा बढ़ल बा।
अरुण बिहारी नसल सड़ियां हो।
अरे सड़ियां हो।
का दुनि देख के तू आइला का कइला
मीठा मीठा बथे कमरिया हो।
का दुनि देख के तू इला का कइला
ऐ राजा बथे कमरिया हो।
कमरिया हो।