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माँ भवतारिणी दुर्गति हरिणी

दोषों प्रोहो रोणो धारिणी

हर बंदिश से छूट के

बस इश्क़ करेंगे टूट के

अब रोक सके तो रोक ले दुनिया

अरे इश्क़ किया तो शर्म क्या

अजी इश्क़ से बढ़ के कर्म क्या

अब टोक सके तो टोक ले दुनिया

हम दोनों बेमिसाल

सज धज के कमाल

बाहें डाले हुए

बाहों में जो नाचे

ढिंढोरा बाजे रे

ढिंढोरा बाजे रे

ढिंढोरा बाजे रे

ढिंढोरा बाजे रे

उलझ के यहां सुलझते नहीं

दिलों के माँझे रे

ढिंढोरा बाजे रे

ढिंढोरा बाजे रे

ढिंढोरा बाजे रे

ढिंढोरा बाजे रे

दिन वो गुजरे गिनके सितारे

ये जिसके भी अंग लगे

दिन वो गुजरे गिनके सितारे

ये जिसके भी अंग लगे

चलना हवा पे जाने है इसको

है सुर ख्वाब के पंख लगे

अरे इसके सिंगार में इंद्रधनुष

के ही जितने हैं रंग लगे

ओ जो भी कहिए हुज़ूर

ये शगुन का सिन्दूर

ऐसे चंदा जैसे मुखड़े पे साजे

ढिंढोरा बाजे रे

ढिंढोरा बाजे रे

ढिंढोरा बाजे रे

ढिंढोरा बाजे रे

उलझ के यहां सुलझते नहीं

दिलों के माँझे रे

ढिंढोरा बाजे रे

ढिंढोरा बाजे रे

माँ भवतारिणी दुर्गति हरिणी

दोषों प्रोहो रोणो धारिणी

माँ भवतारिणी दुर्गति हरिणी

दोषों प्रोहो रोणो धारिणी

अयि गिरि नन्दिनी नन्दित मेदिनि

विश्व विनोधिनि नंदनुते

गिरिवर विंध्य शिरोधि निवासिनी

विष्णुविलासिनि जिष्णुनुते

जय जय हे महिषासुर मर्दिनी

रम्य कपर्दिनि शैल सुते

दुर्गे जय जय दुर्गे माँ

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