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ए फ़िक्रों कि पूंछों पे है पटाखों की लड़ी

फितरत पतंग जैसी आवारा है बड़ी

हम में तो ही है बच्चू औक़ात ऐंठ की

पंगों से पंगे ले लें दिखाएं हेकड़ी

सारे छिछोरों को हम ही सिखाते हैं

ऐशों कि कुंजी लिखते पढ़ाते

नोटों कि बारिश है सिक्के फुवारे हैं

भीगा है सारा जहां

जेबों में भरे गुलछर्रे रईसी करे गुलछर्रे

शो शा से भरे गुलछर्रे ताड़ी से उड़े गुलछर्रे

उड़े गुलछर्रे

ए सपनों के poster वाह भाई दिन में भी दिखते हैं

सतरंगी पैकेटों में market में बिकते हैं

अपना बस चले तो भारी सी sale पे

चंदा तारे ना छोड़े वो भी खरीद लें

बेतुकी बातों की तुक हम बना लेंगे (बेतुकी बातों की)

हम तो जी भाई ग़म भी खिल्ली उड़ा लेंगे (हम तो जी भाई ग़म)

हम ना अकेले हैं अपनी ये साज़िश में (हम ना अकेले हैं)

शामिल हैं सारा जहां (शामिल हैं सारा जहां)

जेबों में भरे गुलछर्रे रईसी करे गुलछर्रे

शो शा से भरे गुलछर्रे ताड़ी से उड़े गुलछर्रे

उड़े गुलछर्रे

कल की हम अभी सोचे क्यूँ जीने को ये पल काफी है

जो दिन है हमने देखा नहीं उसपे हम क्यूँ भरोसा करें

सभी को छोड़ो सब चुटकी में मिलता है (सभी को छोड़ो)

Noddle के जैसे सब मिनटों में पकता है (Noddle के जैसे सब)

दम भर कि खुशियाँ हैं पल भर में मिलती हैं (दम भर कि खुशियाँ हैं)

मांग के देखो ज़रा(मांग के देखो ज़रा)

जेबों में भरे गुलछर्रे रईसी करे गुलछर्रे

शो शा से भरे गुलछर्रे तड़ी से उड़े गुलछर्रे

उड़े गुलछर्रे

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