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मन के साँवरिया बन गइलऽ तू

चुपके से ई का कइलऽ तू

नस-नस में तू गइलऽ समा

नस-नस में तू गइलऽ समा

डाल देलऽ परेसानी में

गजब के रोग धरा दिहलऽ, ए राजा, हमके जवानी में

गजब के रोग धरा दिहलऽ, ए राजा, हमके जवानी में

लागल बा तोहरे से मन के लगनवा

तोहरे में बसे लागल बा मोर परनवा

तोहरे में बसे लागल बा मोर परनवा

अँखिया में तोहरे बसल बा सपनवा

तोहरे के मान चुकल बानी, सजनवा

तोहरे के मान चुकल बानी, सजनवा

बनके रसीली रस गइलू तू

दिलवा के भितरी बस गइलू तू

तोहरा सिवा कुछउ ना बुझात

सुन ल ई जिंदगानी में

गजब के रोग धरा दिहलू, ए रानी, हमके जवानी में

गजब के रोग धरा दिहलू, ए रानी, हमके जवानी में

पहिरा द हमके अपने नाम के कंगनवा

दुल्हिन बना के लेजा अपने अँगनवा

दुल्हिन बना के लेजा अपने अँगनवा

हो, मंगिया सजाइब तोहर, दिहलीं बचनवा

छोड़ब ना साथ, खइलीं प्यार के कसमवा

छोड़ब ना साथ, खइलीं प्यार के कसमवा

कहिले कसम से जँच गइलऽ तू

मेहँदी बन के रच गइलऽ तू

कहिया ले ललसा देबो पुराए?

बोलऽ, प्रेम कहानी में

गजब के रोग धरा दिहलऽ, ए राजा, हमके जवानी में

गजब के रोग धरा दिहलू, ए रानी, हमके जवानी में

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