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Shamil Hai

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가사
मेरा छोटा सा सूरज कहाँ पे था?

कहाँ से यूँ निकला?

आँखें मुंदे हम क्यूँ गुम हैं उजालों में?

बस अपने ख़यालों में बेपरवाह

पास हमारे ही, लेकिन कुछ आँखों में

रातें ही रातें हर सुबह

इस रात का सारा ज़िम्बा हम पे हैं

तो सुबह भी तो हम ही लाएँगे

शामिल हैं, हम शामिल हैं

इन सब में हम भी तो शामिल हैं

तुम भी हो, हम भी हैं

थोड़े-थोड़े से तो शामिल हैं

हम या तो भीड़ बन के शोरों में लड़ते हैं

या अपने होठ सील के कहने से डरते हैं

हम या तो भीड़ बन के शोरों में लड़ते हैं

या अपने होठ सील के कहने से डरते

थम तोड़ दे सच का ज़िम्बा हम पे हैं

बेख़ौफ़ उन्हें हम मिल के बोलेंगे

शामिल हैं, हम शामिल हैं

इन सब में हम भी तो शामिल हैं

तुम भी हो, हम भी हैं

थोड़े-थोड़े से तो शामिल हैं

जब सही-ग़लत में फ़रक ज़रा सा हैं

ये ऐठन तो ताक़त का तमाशा हैं

औक़ात तेरी बस इतनी सी है

इक तेज़ हवा हैं और तू धुआ सा हैं

आईने में कुछ देर ज़रा देखो

क्याँ तुम में कोई अब भी भला सा हैं?

बेशर्म हसी का ज़िम्बा हम पे हैं

या ज़ुल्म को यूँ ही सहते जाएँगे?

शामिल हैं, शामिल हैं

इन सब में हम भी तो शामिल हैं

तुम भी हो, हम भी हैं

थोड़े-थोड़े से तो शामिल हैं