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Duniya Hussain Ki Hai

Sameerhuatong
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सुनो मोमिनो कर्बला की कहानी

बहतर मुशाफिर न धना न पानी

दुनिया हुसैन की हैं ज़माना हुसैन का

दुनिया हुसैन की हैं ज़माना हुसैन का

करबाइल में लुट गया हैं गरणा हुसैन का

दुनिया हुसैन की हैं ज़माना हुसैन का

दुनिया हुसैन की हैं ज़माना हुसैन का

जंगल में आ पड़े है मदीने को छोड़ के

खेमे में रह गया है टिकाणा हुसैन का

फ़ैली गली गली में साहदत की रोशनी

ग़म आ गया चार जलना हुसैन का

खली रही न मांगने वालो की झोलिया

सबके लिए खुले हैं काजना हुसैन का

दुनिया हुसैन की हैं ज़माना हुसैन का

दुनिया हुसैन की हैं ज़माना हुसैन का

उतरा जो कर्बला में मदीने का काफिला

तारीख जो थी और मोहलाम का चाँद था

लाखो उधर थे और बेहतर थे इस तरफ

सैतान उस तरफ था पीर पैग़म्बर िश तरफ

सहारा की तेज धूप थी पानी भी बंद था

चारो तरफ थे शोर क़यामत बुलंद था

मुश्किल से लए शोर से साहिल के सामने

हख आ गया लड़ाई का कातिल के सामने

अकबर का जिस्म तीरों से छलनी किया गया

उनको उन्हीं के खून का तोहफा दिया गया

खातिम बहार आने से पहले उजड़ गए

दूल्हा बने तो मौत के हाथों में पड़ गए

बेचारी एक रात में बेवा हुई दुल्हन

शादी की ओढ़नी से बनाया गया कफ़न

खेमे में बीबियो का अजब हाल जार था

आँशु थे सबकी आंखों में दिल बेक़रार था

पहरा लगा हुआ था नदी पर इधर उधर

लेकिन पहुंच गए वहां ाबश नाम हर

मस्ती जा बार के निकले तो दुश्मन थे सामने

तनहा थे फिर भी हार न मानी इमां ने

चारो तरफ से किया कातिलो ने वार

सौ तीर आकर हो गए चगर के आर पार

पानी तमान फूठ के रस्ते में बह गया

कुम्बा हुसैन हुसैन के

खून का पायषा ही रह गया

छह माह का वो ास्वर मासुम हाय हाय

पानी न हो तो क्या करे मजलूम हाय हाय

बच्चे का हाल देख के मोला हुये निढाल

सूखे थे होठ प्याश से मुरझाये थे गाल

एक तीर ाके मौत का सामान हो गया

बचा थाधप के घोड में बेजान हो गया

चुलु में खून ले के हवा में उड़ा दिया

इब्ने ाली ने सबर का रास्ता दिखा दिया

खेमे में सबको सबर दिलाया हुसैन ने

बीमार को गले से लगाया हुसैन ने

सबसे कहा हुसैन ने अब रँगने हम चले

तलवार सर पे टुथ के धीरे से सिठाम चले

मुक्तल में आके आकृ सजदा अदा किया

बचपन में जो किया था वो अडडा वफ़ा किया

दौलत के वास्ते न तो इनाम के लिए

प्यासे शहीद हो गए इस्लाम के लिए

इस्लाम के लिए इस्लाम के लिए.

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