ना रिश्ते, ना बँधन, ना दुनिया, कुछ भी ना चाहूँ मैं
तो अखियाँ बंद करके मैं, सो चूका हूँ मैं
खो चुका हूँ मैं, उड़ रहा हूँ मैं, उड़ रहा हूँ मैं
ओ, उड़ रहा हूँ मैं
धीरे-धीरे गहरी, लंबी साँसों का ये आना-जाना
हल्के-हल्के जलके मैं हो रहा धुआँ
ख़ाली-ख़ाली आसमाँ है, मैं हूँ, कोई ना यहाँ है
साया भी ये मेरा ना जाने है कहाँ
ना रहना है इस ज़मीं पे
वहाँ हैं चेहरे अजनबी से
मुझको हवाओं में घुलके
जीना है इस बार खुलके
उँगलियों से तारे छू लूँ
बादलों से बारिश ले लूँ
और मेरा ये लम्हा रुक सा जाए
नदियो जैसा बहते-बहते, मिल जाऊँ नीले सागर से
ख़्वाबों वाले सीपीए के मोती हों जहाँ
चलते-चलते, उड़ते-उड़ते, मन-मर्ज़ी से रुकते-मुड़ते
ऐसे ही अचानक मैं हो जाऊँ फ़ना
ना रिश्ते, ना बँधन, ना दुनिया, कुछ भी ना चाहूँ मैं
तो अखियाँ बंद करके मैं, सो चूका हूँ मैं
खो चुका हूँ मैं, उड़ रहा हूँ मैं, उड़ रहा हूँ मैं
ओ, उड़ रहा हूँ मैं
धीरे-धीरे गहरी, लंबी साँसों का ये आना-जाना
हल्के-हल्के जलके मैं हो रहा धुआँ
ख़ाली-ख़ाली आसमाँ है, मैं हूँ, कोई ना यहाँ है
साया भी ये मेरा ना जाने है कहाँ