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Mera Kuchh Samaan

Tapati Dashuatong
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मेरा कुछ सामान

तुम्हारे पास पड़ा हैं

मेरा कुछ सामान

तुम्हारे पास पड़ा हैं

ओ सावन के कुछ भीगे

भीगे दिन रखे हैं

और मेरे इक ख़त मैं

लिपटी रात पड़ी हैं

वो रात बुझा दो

वो सामान लौटा दो

वो रात बुझा दो

वो सामान लौटा दो

मेरा कुछ सामान

तुम्हारे पास पड़ा हैं

ओ सावन के कुछ भीगे

भीगे दिन रखे हैं

और मेरे इक ख़त मैं

लिपटी रात पड़ी हैं

वो रात बुझा दो

वो सामान लौटा दो

पतझड़ हैं क्कुह…हैं न हम्म

ओ पतझास मैं कुछ

पत्तों के गिरने की आहट

कानों में एक बार

पहन के लौट आई थी

पतझड़ की वो साख

अभी तक काँप रही हैं

वो शाख गिरा दो मेरा

वो सामान लौटा दो

वो शाख गिरा दो मेरा

वो सामान लौटा दो

एक अकेली छतरी में

जब आधे आधे भीग रहे थे

एक अकेली छतरी में

जब आधे आधे भीग रहे थे

आधे सूखे आधे गीले

सूखा तो मैं ले आये थी

गीला मन शायद

बिस्तर के पास पड़ा हो

वो भिजवा दो मेरा

वो सामान लौटा दो

एक सौ सोला चाँद की रातें

एक तुम्हारे काँधे का टिल

एक सौ सोला चाँद की रातें

एक तुम्हारे काँधे का टिल

गीली मेहंदी की खुशबू

झूट मूठ के शिकवे कुछ

झूठ मूठ के वादे

सब याद करा दो

सब भिजवा दो मेरा

वो सामान लौटा दो

सब भिजवा दो मेरा

वो सामान लौटा दो

एक इजाज़त दे दो बस

जब इसको दफनाउंगी

मैं भी वहीँ सो जाउंगी

मैं भी वहीँ सो जाउंगी

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