बातें मेरी तुम्हारी
रातों में घुलती हैं सारी
याद है मुझे आज भी
खोई सी आँखें हों तेरी
देखे हैं आँखों में मेरी
याद है मुझे आज भी
डूबी मैं इस तरह
चल, तुझे ले चलूँ कहीं
रात ही रात हो जहाँ
दिल में हो एक आरज़ू
तू मेरा, मैं तेरी हूँ वहाँ
ये राज़ है तेरा मेरा
भागी यूँ तेरी ओर मैं
वो शाम थी, जो बूँदें गिरी
तू रोक ले मुझे आज भी
चल, तुझे ले चलूँ कहीं
रात ही रात हो जहाँ
गुज़र ना जाए ये पल कहीं
ले बाँहों में तू मुझे इस तरह
ये राज़ है तेरा मेरा
हां हां हां हां
बातें तुम्हारी मेरी
बारिश की बूँदें गिरी
बातें तुम्हारी-मेरी
यादों में सिमटी हुईं
बातें तुम्हारी मेरी
बारिश की बूँदें गिरी
बातें तुम्हारी मेरी
यादों में सिमटी हुईं
ना हमारी ख़बर कोई
ना ज़माने को हो पता
चल, तुझे ले चलूँ कहीं
रात ही रात हो जहाँ
ये राज़ है तेरा मेरा
ये राज़ है तेरा-मेरा