सोती हुई आवाम को अब नींद से है जगाना
सोती हुई आवाम को अब नींद से है जगाना
अब ये "करो या मरो" का परचम हाथ में है उठाना
सब खड़े हो-
सब खड़े हो साथ में तो शुभ वही है शगुन
तू सुन
ए, वतन, मेरे वतन, सुन, ए, वतन, मेरे वतन
है यही इंक़िलाब की धुन, ए, वतन, मेरे वतन
ए, वतन, मेरे वतन, सुन, ए, वतन, मेरे वतन
है यही इंक़िलाब की धुन, ए, वतन, मेरे वतन
आँसुओं मे लहू मिला के रंग दे ये आसमान
आतिशें आज़ादी को फिर देखे सारा जहाँ
हो, आँसुओं मे लहू मिला के रंग दे ये आसमान
आतिशें आज़ादी को फिर देखे सारा जहाँ
उन्हें इंतहाँ हम दे चुके, अब खुद को है आज़माना
अब इस ख़िज़ा के साए में एक फूल को है खिलाना
तेरी किस्मत-
तेरी किस्मत वश मे कर ले, लक्ष्य अपना चुन
तू सुन
ए, वतन, मेरे वतन, सुन, ए, वतन, मेरे वतन
है यही इंक़िलाब की धुन, ए, वतन, मेरे वतन
ए, वतन, मेरे वतन, सुन, ए, वतन, मेरे वतन
है यही इंक़िलाब की धुन, ए, वतन, मेरे वतन