जाने क्यूँ कभी कभी ना जाने क्यूँ
दिल जो चाहता है वो पूरा नही होता
जाने क्यूँ कभी कभी ना जाने क्यूँ
दिल जो चाहता है वो पूरा नही होता
जाने क्यूँ
फिर भी हुमैन
फिर भी हुमैन इक आस लगी हुई है
अंजानी सी
जाने क्यूँ कभी कभी ना जाने क्यूँ
दिल जो चाहता है वो पूरा नही होता
जाने क्यूँ
जाने क्यूँ कभी कभी ना जाने क्यूँ
राहें वोही होती हैं मुंज़ील नही मिल्लती
जाने क्यूँ
एक बार
एक बार जो राहें बिच्छाद जाएँ तो
मिल ना सकें
जाने क्यूँ कभी कभी ना जाने क्यूँ
दिल जो चाहता है वो पूरा नही होता
जाने क्यूँ
जाने क्यूँ कभी कभी ना जाने क्यूँ
होंतों पे हँसी होती है रोता है दिल
जाने क्यूँ
टूटें जो
टूटें ख्वाब जो देखे हो आँखों ने
फिर ना जुरेइं
जाने क्यूँ कभी कभी ना जाने क्यूँ
दिल जो चाहता है वो पूरा नही होता
जाने क्यूँ
जाने क्यूँ है
जाने क्यूँ है
जाने क्यूँ है