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Dialogue : Ajay Main Ek Baar Phir (Hera Pheri)

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Lirik
अजय में एक बार फिर तुझे कह रहा हूँ वो जलील तेरा बाप नहीं हो सकता

बरसो से आज तक जो चेहरा इन आँखों के सामने घूम रहा हे

उसे पहचानने में ये आँखें धोखा नहीं खा सकती

नहीं अजय वो �**� तेरा बाप नहीं

विजय तेरी जगह कोई और होता तो मैंने उसकी जबान काट ली होती

देख विजय माँबाप का रिश्ता सभ से बड़ा रिश्ता होता हे

भगवान् के लिए उसे गालियां मत दे

तू मेरा यकीन क्यों नहीं करता के मेरे पिताजी तेरे बाबूजी के कातिल नहीं

अरे वो जलील क्या हे में अच्छी तरह जनता हूँ

और तेरी रगो में उसी का गन्दा खून बह रहा हे

इसका यकीन में भी अब मुझे होने लगा हे

जिस खून को तू गन्दा कह रहा हे

उसी के खून की वजह से तू अभी तक जिन्दा हे विजय

वो देख

ओ तो अपनी बाप की बिरादरी के खाये पिए पिल्लै साथ लेकर आये हो

नहीं एक बार इसने मेरी जान बचाई थी

आज में इसे जिंदगी की भीख दे रहा हूँ

हिसाब बराबर

तेरा हिसाब तेरी कस्मे तेरी जबान

कहते हे नेकी क्र और दरिया में डाल

मैंने नेकी क्र के गंदे नाले में डाल दी

बस विजय बीएस इस के आगे में इक लफ्ज नहीं सुन सकता

कहीं ऐसा न हो की मेरा हाथ

पिता पर पूत जाट पर घोडा

साप की औलाद को कितना भी दूध पिलाओ

असीम का साप

अपनी जबान रोक ले विजय

सो गालियों के बाद भगवान् से भी सब्र नहीं हुआ था

में तो सिर्फ इंसान हूँ

इंसान नहीं इंसान के नाम में कलंक

दोस्ती के नाम पर धब्बा

इस के आगे इक लफ्ज नहीं बोलना विजय

अगर तुम मेरी जबान रोकना चाहते हो अजय

तो कह की तुम मेरे दोस्त हो

उस जलील कंजर्व कुत्ते की औलाद नहीं विजय

Dialogue : Ajay Main Ek Baar Phir (Hera Pheri) oleh Amitabh Bachchan/Vinod Khanna - Lirik dan Liputan