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Jannat

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Lirik
अर्ज़ है एक दास्ताँ

इसकी है ना कोई ज़ुबाँ

सुनते थे हम लेकिन, मगर

लिखने वाले का है ना पता

है कहानी ऐसी मेरी

है आज़ादी इसमें मेरी

ले चलो मुझे जन्नत हो वहाँ

दो आवाज़, पुकारो मुझे यहाँ

ले चलो मुझे जन्नत हो वहाँ

दो आवाज़, पुकारो मुझे यहाँ

कुछ ही लफ़्ज़ों में मेरा जहाँ

सामने है, जैसा हुआ

अब किसी से ना कुछ है छुपा

सियाही के चादर पर है निशाँ

है कहानी ऐसी मेरी

है आज़ादी इसमें मेरी

ले चलो मुझे जन्नत हो वहाँ

दो आवाज़, पुकारो मुझे यहाँ

ले चलो मुझे जन्नत हो वहाँ

दो आवाज़, पुकारो मुझे यहाँ

मर्ज़ है ऐसा यहाँ

जिसकी है ना कोई दवा

होता ना अब कोई असर

अब तो मैं और मेरा कारवाँ

है कहानी ऐसी मेरी

है आज़ादी इसमें मेरी

ले चलो मुझे जन्नत हो वहाँ

दो आवाज़, पुकारो मुझे यहाँ

ले चलो मुझे जन्नत हो वहाँ

दो आवाज़, पुकारो मुझे...

ले चलो मुझे जन्नत हो वहाँ

दो आवाज़, पुकारो मुझे यहाँ

ले चलो मुझे जन्नत हो वहाँ

दो आवाज़, पुकारो मुझे यहाँ