ओ..ओ..ओ..ओ..
ओ..ओ..ओ..ओ..
आ..आ..आ..आ..आ....
हाये..इशारों इशारों में
दिल लेने वाले
बता ये हुनर तूने सीखा कहाँ से
निगाहों निगाहों में जादू चलाना
मेरी जान सीखा है, तुमने जहाँ से
आ..आ..आ..आ..आ.....
आ..हा..आ..आ..आ.....
ओ..मेरे दिल को तुम भा गये
मेरी क्या थी इसमें ख़ता
मुझे जिसने तड़पा दिया
यही थी वो ज़ालिम अदा
यही थी वो ज़ालिम अदा
ये राँझा की बातें ये मजनू के किस्से
अलग तो नहीं हैं मेरी दास्ताँ से
इशारों इशारों में दिल लेने वाले
बता ये हुनर तूने सीखा कहाँ से
ओ..मोहब्बत जो करते हैं वो
मोहब्बत जताते नहीं
धड़कने अपने दिल की कभी
किसी को सुनाते नहीं
किसी को सुनाते नहीं
मज़ा क्या रहा जब के
ख़ुद कर दिया हो
मोहब्बत का इज़हार अपनी ज़ुबाँ से
निगाहों निगाहों में जादू चलाना
मेरी जान सीखा है, तुमने जहाँ से
ओ..माना के जाने जहाँ
लाखों में तुम एक हो
हमारी निगाहों की भी
कुछ तो मगर दाद दो
कुछ तो मगर दाद दो
बहारों को भी नाज़
जिस फूल पर था
वो ही फूल हमने, चुना गुलसिताँ से
इशारों इशारों में दिल लेने वाले
बता ये हुनर तूने सीखा कहाँ से
निगाहों निगाहों में जादू चलाना
मेरी जान सीखा है, तुमने जहाँ से
बता ये हुनर तूने सीखा कहाँ से
मेरी जान सीखा है, तुमने जहाँ से
बता ये हुनर तूने सीखा कहाँ से
मेरी जान सीखा है तुमने जहाँ से
बता ये हुनर तूने सीखा कहाँ से