menu-iconlogo
huatong
huatong
devendra-pathak-racha-hai-srishti-ko-jis-prabhu-ne-cover-image

Racha Hai Srishti Ko Jis Prabhu Ne

Devendra Pathakhuatong
Vinod—-patel🇮🇳🇺🇸huatong
Lirik
Rakaman
रचा है सृष्टि, को जिस प्रभु ने,

वही ये सृष्टि, चला रहे है,

रचा है सृष्टि, को जिस प्रभु ने,

वही ये सृष्टि, चला रहे है,

जो पेड़ हमने, लगाया पहले,

जो पेड़ हमने, लगाया पहले,

उसी का फल हम,अब पा रहे है,

रचा है सृष्टि, को जिस प्रभु ने,

वही ये सृष्टि, चला रहे है.

रचा है सृष्टि, को जिस प्रभु ने,

वही ये सृष्टि, चला रहे है

इसी धरा से, शरीर पाए,

इसी धरा में, फिर सब समाए,

इसी धरा से, शरीर पाए,

इसी धरा में, फिर सब समाए,

है सत्य नियम, यही धरा का,

है सत्य नियम, यही धरा का,

एक आ रहे है एक जा रहे है,

रचा है सृष्टि, को जिस प्रभु ने,

वही ये सृष्टि, चला रहे है.

रचा है सृष्टि, को जिस प्रभु ने,

वही ये सृष्टि, चला रहे है.

जिन्होने भेजा, जगत में जाना,

तय कर दिया लौट के फिर से आना,

जिन्होने भेजा, जगत में जाना,

तय कर दिया लौट के फिर से आना,

जो भेजने वाले है यहाँ पे,

जो भेजने वाले है यहाँ पे,

वही फिर वापस बुला रहे है,

रचा है सृष्टि, को जिस प्रभु ने,

वही ये सृष्टि चला रहे है.

रचा है सृष्टि, को जिस प्रभु ने,

वही ये सृष्टि चला रहे है.

बैठे है जो, धान की बालियो में,

समाए मेहंदी की लालियो में,

बैठे है जो, धान की बालियो में,

समाए मेहंदी की लालियो में,

हर डाल हर, पत्ते में समाकर,

हर डाल हर पत्ते में समाकर,

गुल रंग बिरंगे, खिला रहे है,

रचा है सृष्टि को जिस प्रभु ने,

वही ये सृष्टि चला रहे है.

रचा है सृष्टि को जिस प्रभु ने,

वही ये सृष्टि चला रहे है.

रचा है सृष्टि को जिस प्रभु ने,

वही ये सृष्टि चला रहे है,

Lebih Daripada Devendra Pathak

Lihat semualogo

Anda Mungkin Suka