आँखों में नींदे न दिल में क़रार 
आँखों में नींदे न दिल में क़रार 
मोहब्बत भी क्या चीज़ होती है यार 
मोहब्बत भी क्या चीज़ होती है यार 
कभी बेख़ुदी तो कभी इंतज़ार 
कभी बेख़ुदी तो कभी इंतज़ार 
मोहब्बत भी क्या चीज़ होती है यार 
मोहब्बत भी क्या चीज़ होती है यार 
दर्द उठे प्यास जगे 
कोई सदा शाम-ो-सहर पास बुलाये 
दर्द उठे प्यास जगे याद सताए 
कोई सदा शाम-ो-सहर पास बुलाये 
रात ढले धुप खिल आये सवेरा 
चाहतों के आशियाँ में दिल का बसेरा 
बेक़रारी है जाने क्यों सनम 
आँख है खुली नींद में हैं हम 
हर घडी है दिल पे कैसा यह खुमार 
आँखों में नींदे न दिल में क़रार 
आँखों में नींदे न दिल में क़रार 
मोहब्बत भी क्या चीज़ होती है यार 
मोहब्बत भी क्या चीज़ होती है यार 
मैं तो तुझे एक भी पालभूल न पाऊँ 
जान-इ-वफ़ा पास तेरे दौड के ाऊँ 
मैं तो तुझे एक भी पल भूल न पाऊं 
जान-इ-वफ़ा पास तेरे दौड के ाऊँ 
तू जो कहे रस्में सभी तोड़ दूं सनम 
तेरे लिए दोनों जहां छोड़ दूँ सनम 
रात न काटे न कटे यह दिन 
कैसे कटेगी उम्र तेरे बिन 
प्यार ज़िन्दगी में होता है एक बार 
आँखों में नींदे न दिल में क़रार 
आँखों में नींदे न दिल में क़रार 
मोहब्बत भी क्या चीज़ होती है यार 
मोहब्बत भी क्या चीज़ होती है यार 
कभी बेख़ुदी तो कभी इंतज़ार 
कभी बेख़ुदी तो कभी इंतज़ार 
मोहब्बत भी क्या चीज़ होती है यार 
मोहब्बत भी क्या चीज़ होती है यार.