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Lirik
Rakaman
आज गली-गली अवध सजाएँगे

आज पग-पग पलक बिछाएँगे

ओ, आज गली-गली अवध सजाएँगे

आज पग-पग पलक बिछाएँगे

आज सूखे हुए पेड़ फल जाएँगे

नैना भीगे-भीगे जाएँ, कैसे ख़ुशी ये छुपाएँ, राम आएँगे

कुछ समझ ना पाएँ, कहाँ फूल बिछाएँ, राम आएँगे

नैना भीगे-भीगे जाएँ, कैसे ख़ुशी ये छुपाएँ, राम आएँगे

कुछ समझ ना पाएँ, कहाँ फूल बिछाएँ, राम आएँगे

सरजू जल-थल, जल-थल रोए, जिस दिन राघव हुए पराए

ओ, बिरहा के सौ पर्वत पिघले, हे रघुराई, तब तुम आए

ये वही क्षण है निरंजन, जिसको दशरथ देख ना पाए

सात जन्मों के दुख कट जाएँगे

आज सरजू के तट मुस्काएँगे

मोरे नाचेंगे, पपीहे आज गाएँगे

आज दसों ये दिशाएँ जैसे शगुन मनाएँ, राम आएँगे

नैना भीगे-भीगे जाएँ, कैसे ख़ुशी ये छुपाएँ, राम आएँगे

कभी ढोल बजाएँ, कभी द्वार सजाएँ, राम आएँगे

कुछ समझ ना पाएँ, कहाँ फूल बिछाएँ, राम आएँगे

जाके आसमानों से तारे माँग लाएँगे

कौशल्या के लल्ला जी, तुम्हीं पे सब लुटाएँगे

१४ साल जो रोके, वो आँसू अब बहाएँगे

अवध में राम आएँगे, हमारे राम आएँगे

नील गगन से साँवले, कोटि सूर्य सा तेज

नारायण तज आएँ हैं शेष नाग की सेज

"राघव, "राघव" करते थे युग-युग से दिन-रैन

आज प्रभु ने दरस दिया, धन्य हुए हैं नैन

नतमस्तक हैं तीन लोक और सुर-नर करें प्रणाम

एक चंद्रमा, एक सूर्य, एक जगत में राम

एक जगत में राम

आज दसों ये दिशाएँ जैसे शगुन मनाएँ, राम आएँगे

नैना भीगे-भीगे जाएँ, कैसे ख़ुशी ये छुपाएँ, राम आएँगे

कभी ढोल बजाएँ, कभी द्वार सजाएँ, राम आएँगे

कुछ समझ ना पाएँ, कहाँ दीप जलाएँ, राम आएँगे

Lebih Daripada Payal Dev/Vishal Mishra/Manoj Muntashir

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