menu-iconlogo
huatong
huatong
pinak-dhari-aarambh-hai-prachand-bhajan-bhajan-mix-cover-image

Aarambh Hai Prachand bhajan (Bhajan Mix)

Pinak Dharihuatong
southernaccentshuatong
Lirik
Rakaman
आरंभ है प्रचंड बोले मस्तकों के झुंड

आज जंग की घड़ी की तुम गुहार दो

आरंभ है प्रचंड बोले मस्तकों के झुंड

आज जंग की घड़ी की तुम गुहार दो

आन बाण शान या कि जान का हो दान

आज एक धनुष के बाण पे उतार दो

आरंभ है प्रचंड बोले मस्तकों के झुंड

आज जंग की घड़ी की तुम गुहार दो

आन बाण शान या कि जान का हो दान

आज एक धनुष के बाण पे उतार दो

आरंभ है प्रचंड

मन करे सो प्राण दे

जो मन करे सो प्राण ले

वोही तो एक सर्वशक्तिमान है

मन करे सो प्राण दे

जो मन करे सो प्राण ले

वोही तो एक सर्वशक्तिमान है

विश्व की पुकार है

ये भागवत का सार है

कि युद्ध ही तो वीर का प्रमाण है

कौरोवों की भीड़ हो या

पांडवों का नीड़ हो

जो लड़ सका है वो ही तो महान है

जीत की हवस नहीं

किसी पे कोई वश नहीं

क्या ज़िन्दगी है ठोकरों पे मार दो

मौत अंत है नहीं तो मौत से भी क्यूँ डरें

ये जाके आसमान में दहाड़ दो

आरंभ है प्रचंड बोले मस्तकों के झुंड

आज जंग की घड़ी की तुम गुहार दो

आन बाण शान या कि जान का हो दान

आज एक धनुष के बाण पे उतार दो

आरंभ है प्रचंड

वो दया का भाव या कि शौर्य का चुनाव

या कि हार का वो घाव तुम ये सोच लो

वो दया का भाव या कि शौर्य का चुनाव

या कि हार का वो घाव तुम ये सोच लो

या की पुरे भाल पे जला रहे विजय का लाल

लाल यह गुलाल तुम ये सोच लो

रंग केशरी हो या मृदंग केशरी हो

या कि केशरी हो ताल तुम ये सोच लो

जिस कवि की कल्पना में ज़िन्दगी हो प्रेम गीत

उस कवि को आज तुम नकार दो

भीगती मासों में आज, फूलती रगों में आज

आग की लपट का तुम बघार दो

आरंभ है प्रचंड बोले मस्तकों के झुंड

आज जंग की घड़ी की तुम गुहार दो

आन बाण शान या कि जान का हो दान

आज एक धनुष के बाण पे उतार दो

आरंभ है प्रचंड

Lebih Daripada Pinak Dhari

Lihat semualogo

Anda Mungkin Suka