जो आए जाए
कितने है ये
कोई रुकता नही है
है ये किस्मत का खेल
तू मेहमान नही फिर भी
रुक जा ज़रा तेरे
आने से है खिलता
मेरा आशियाँ
मिल जाए
दो निगाहें
तरसाए
तेरी बाहें
तुम आई
और मुस्कुरायें
जो तुम आए
चलती हवायें
तुम आए तुम आए
हवायें चलीं
भुला ही मैं
अपने गम तो सभी
तू जाने नही शायद
सीखा नही मेने
रिश्ते कैसे निभायें
कितने हाथो से निकला मैं
टूटा खिलोना हू
फिर भी तू मुझको रखना चाहे
जो मॅन हारे
तू संभाले
ज़ख़्मो पे
तू दवा दे
तुम आई
और मुस्कुरायें
जो तुम आए
चलती हवायें
मैं हवा
तू आसमान
तेरे अंगान मे है
मेरी उड़ान
तुम आए तुम आए
हवायें चलीं
भुला ही मैं
अपनी गम तो सभी