खोई, मैं खोई रहूँ
अब तो दिनों की कुछ ख़बर नहीं
रातों में सोती नहीं
ख़्वाबों में जी लूँ ये ज़िंदगी
जब से देखा है तुझ को
भुला ना पाई हूँ मैं पल हसीं
कोई सँभाले मुझे
बिखर ना जाऊँ मैं कहीं
पता नहीं हुआ है ये क्या अभी-अभी
दिल में ये कैसी बेबसी? मैं खोई सी रहूँ
दिल को भी तो पता नहीं हुआ है ये क्या अभी-अभी
दिल में ये कैसी बेबसी? मैं खोई सी रहूँ
जब से तूने मुझ को दिया है अपना number
मैं phone पर ही नज़रें रख के बैठा रहूँ
फ़िरता हूँ अपने ही घर पे मैं आवाराओं की तरह
Text भी करे तो दिन में चार बार बस
थक गया हूँ तेरे इंतज़ार-ज़ार में
मुझ को बता दे तू अब मैं क्या करूँ
पता नहीं हुआ है ये क्या अभी-अभी
दिल में ये कैसी बेबसी? मैं खोया सा रहूँ
दिल को भी तो पता नहीं हुआ है ये क्या अभी-अभी
दिल में ये कैसी बेबसी? मैं खोया सा रहूँ