तुम से जो मिला, मौसम है खिला
हवाओं ने संग अपने महक लाई है
जो ना था हुआ, वो अब है हुआ
राहों में इश्क़ की बहार आई है
बस तुम ठहर जाओ, ख़ुद ही हम सँवर जाएँगे
सावन के साज़ से तुझ में हम खो जाएँगे
धीमी-धीमी...
धीमी-धीमी बरसातों में हम तेरे हो जाएँगे
धीमी-धीमी बरसातों में हम तेरे हो जाएँगे
बस तुम ठहर जाओ, ख़ुद ही हम सँवर जाएँगे
धीमी-धीमी बरसातों में हम तेरे हो जाएँगे
धीमी-धीमी बरसातों में हम तेरे हो जाएँगे
देखा था जो ख़्वाब, थामे कोई हाथ
क्या हो तुम वही, करूँ कैसे यक़ीं
बूँदें इश्क़ की मुझ को भिगा रहीं
तुम जो आ गए तो बरसात आ गई
ये कैसा हुआ है मुझ को प्यार?
ओ, रुकी हैं नज़रें तुझ पे, यार
बस तुम ठहर जाओ, ख़ुद ही हम सँवर जाएँगे
सावन के साज़ से तुझ में हम खो जाएँगे
धीमी-धीमी...
ओ, धीमी-धीमी बरसातों में हम तेरे हो जाएँगे
धीमी-धीमी बरसातों में हम तेरे हो जाएँगे
बस तुम ठहर जाओ, ख़ुद ही हम सँवर जाएँगे
धीमी-धीमी बरसातों में हम तेरे हो जाएँगे
धीमी-धीमी बरसातों में हम तेरे हो जाएँगे