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Muskaanein Jhooti Hai (From "Talaash")

Suman Sridharhuatong
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Lirik
Rakaman
रात में ही जागते हैं

ये गुनाहों के घर

इनकी राहें खोले बाँहें

जो भी आए इधर

ये है गुमराहों का रास्ता

मुस्कानें झूठी है

पहचानें झूठी है

रंगीनी है छाई

फिर भी है तन्हाई

कल इन्हीं कलियों में, इन मसली कलियों में

तो ये धूम थी

जो रूह प्यासी है, जिसमें उदासी है

वो है घूमती

सबको तलाश वही

समझे ये काश कोई

ये है गुमराहों का रास्ता

मुस्कानें झूठी है

पहचानें झूठी है

रंगीनी है छाई

फिर भी है तन्हाई

हल्के उजालों में

हल्के अँधेरों में जो इक राज़ है

क्यूँ खो गया है वो?

क्या हो गया है कि वो नाराज़ है?

ऐ रात, इतना बता

तुझको तो होगा पता

ये है गुमराहों का रास्ता

मुस्कानें झूठी है

पहचानें झूठी है

रंगीनी है छाई

फिर भी है तन्हाई

मुस्कानें झूठी है

पहचानें झूठी है

रंगीनी है छाई

फिर भी है तन्हाई

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