इन आँखों की मस्ती के मस्ताने हज़ारों हैं
इन आँखों की मस्ती के मस्ताने हज़ारों हैं
मस्ताने हज़ारों हैं इन आँखों से वाबस्ता
इन आँखों से वाबस्ता अफ़साने हज़ारों हैं
अफ़साने हज़ारों हैं
इन आँखों की मस्ती के
इक सिर्फ़ हम ही मय को, आँखों से पिलाते हैं
कहने को तो दुनिया में मयख़ाने हज़ारों हैं
इन आँखों की मस्ती के मस्ताने हज़ारों हैं
इन आँखों से वाबस्ता अफ़साने हज़ारों हैं