menu-iconlogo
huatong
huatong
avatar

Nasamajh

Aditya Rikharihuatong
mistylei13huatong
Letra
Gravações
नासमझ वो समझता नहीं

दिल मेरा उसके बिना कहीं लगता नहीं

मैं सीने में उतारूँ

तेरी जुल्फें सवारूँ

तू आजा बैजा नेहड़े सारी

रतियाँ निहारूँ

मैं सीने में उतारूँ

तेरी जुल्फें सवारूँ

मैं काला टीका लाके

तेरी नज़रें उतारूँ

तेरी आँखों के दरिया में कूदे

भवरिया में डूबे

हाँ डूबे तो किनारा ना मिला

तेरे पीछे है हारा दिल ऐसे

बेचारा दिल ऐसे

के ढूंढा तो दुबारा ना मिला

हूँ लापता तुझमे कहीं

मुझको भी मैं अब मिलता नहीं

नासमझ वो समझता नहीं

दिल मेरा उसके बिना कहीं लगता नहीं

नासमझ वो समझता नहीं

दिल मेरा उसके बिना कहीं लगता नहीं

कल्ली कल्ली रातां तेरे

ख़्वाबां च गुज़ारी तू वि

थोड़ा जेहा याद सानु कर लेना

अस्सी रखेया छुपा के साडे

दिल विच तैनु तू वि

सानु तेरे दिल विच रख लेना

कल्ली कल्ली रातां तेरे

ख़्वाबां च गुज़ारी तू वि

थोड़ा जेहा याद सानु कर लेना

अस्सी रखेया छुपा के साडे

दिल विच तैनु तू वि

सानु तेरे दिल विच रख लेना

रख ले कहीं मुझको छुपा के तू

मुझको किसी की परवाह नहीं

नासमझ वो समझता नहीं

दिल मेरा उसके बिना कहीं लगता नहीं

कल्ली कल्ली रातां तेरे

ख़्वाबां च गुज़ारी तू वि

थोड़ा जेहा याद सानु कर लेना

अस्सी रखेया छुपा के साडे

दिल विच तैनु तू वि

सानु तेरे दिल विच रख लेना

Mais de Aditya Rikhari

Ver todaslogo

Você Pode Gostar